내 안에 그대 / 이금순
내 안에 그대 / 이금순
괜스레
가슴이 싸늘하게 횡한 것은
겨울에 누운 가을이
서러워 흘린,
가랑잎의 눈물인 줄 알았습니다
울컥, 목이 메고
눈썹 끝에 아롱진 방울은
흙먼지 회오리치고
황량한 들판으로 사라진
혹독한 겨울바람인 줄 알았습니다.
살갗이 서걱거리도록
시린 창가에 매달려
밤의 하늘을 향하는 것은
아스라한 기다림의 사랑,
무시에 눈꽃으로 오실, 내 안에
그대가 있기 때문인 줄 이미 알았습니다.
번호 | 제목 | 글쓴이 | 날짜 | 조회 | 추천 |
---|---|---|---|---|---|
공지 | 우리 홈 게시판 사용 방법 | 오작교 | 22.04.26.16:57 | 159388 | 0 |
공지 | 테이블 매너, 어렵지 않아요 2 | 오작교 | 14.12.04.10:33 | 171177 | 0 |
공지 | 당국이 제시한 개인정보 유출 10가지 점검 사항 4 | 오작교 | 14.01.22.17:09 | 187991 | 0 |
공지 | 알아두면 유익한 생활 상식 7 | 오작교 | 13.06.27.09:38 | 188846 | 0 |
613 | 꽃향기 | 05.12.13.17:56 | 1585 | +3 | |
612 | 빈지게 | 05.12.13.14:16 | 1866 | +1 | |
611 | 안개 | 05.12.13.14:05 | 2136 | +8 | |
610 | 오작교 | 05.12.13.13:12 | 1958 | 0 | |
609 | 행복 | 05.12.13.00:34 | 1842 | +5 | |
608 | 행복 | 05.12.13.00:28 | 1555 | +5 | |
607 | 고암 | 05.12.12.17:59 | 1922 | +3 | |
606 | 황혼의 신사 | 05.12.12.11:59 | 1532 | +3 | |
605 | 빈지게 | 05.12.12.08:57 | 1921 | 0 | |
604 | 빈지게 | 05.12.12.08:56 | 1622 | +1 | |
603 | 차영섭 | 05.12.11.19:04 | 1809 | +3 | |
602 | 바위와구름 | 05.12.11.11:49 | 1782 | +3 | |
601 | 빛그림 | 05.12.10.12:02 | 1657 | +2 | |
600 | 휴게공간 | 05.12.10.10:46 | 1863 | +3 | |
599 | 빈지게 | 05.12.10.10:39 | 1896 | +1 | |
빈지게 | 05.12.10.10:22 | 1934 | 0 | ||
597 | 김남민 | 05.12.09.19:06 | 1817 | +1 | |
596 | 차영섭 | 05.12.09.15:16 | 1597 | +3 | |
595 | 빈지게 | 05.12.09.14:55 | 1698 | +1 | |
594 | 빈지게 | 05.12.09.14:54 | 1874 | +3 |